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परिणाम (parinama) - Meaning in English

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pariṇāmaparinaama

परिणाम - Meaning in English

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Definitions and Meaning of परिणाम in Hindi

परिणाम NOUN

  1. बदलने का भाव या कार्य । बदलना । एक रूप या अवस्था को छोड़कर दूसरे रूप या अवस्था को प्राप्त होना । रूपांतरप्राप्ति ।
  2. प्राकृतिक नियमानुसार वस्तुओं का रूपांतरित या अवस्थांतरित होना । स्वाभाविक रीति से रूपपरिवर्तन या अवस्थांतरप्राप्ति । मूल प्रकृति का उलटा । विकृति । विकारप्राप्ति (सांख्य) । विशेष— सांख्य दर्शन के अनुसार प्रकृति का स्वभाव ही परिणाम अर्थात् एक रूप या अवस्था से च्युत होकर दूसरे रूप या अवस्था को प्राप्त होते रहना है,और उसका यह स्वभाव ही जगत् की उत्पत्ति,स्थिति और नाश का कारण है । जिस परिणाम के कारण जगत् की रचना होती है उसे'विरूप' अथवा'विसदृश परिणाम'और जिसके कारण उसका अभाव या प्रलय होता है उसे'स्वरूप'अथवा'सद्दश परिणाम' कहते हैं । सत्व,रज,तम की साम्यावस्था भंग होकर उनके परस्पर विषम परिणाम में संयुत्क होने से क्रमश?असंख्य कार्यो अथवा जगत् के पदार्थों का उत्पन्न होना'विरूप परिणाम'है और फिर इसी कार्यश्रृंखला का अपने अपने कारण में लीन होते हुए व्यत्क जगत् का अभाव प्रस्तुत करना 'स्वरूप परिणाम'है । 'विरूप परिणाम'से त्रिगुणों की साम्यावस्था विनष्ट होती है और वे स्वरूप से च्युत होते हैं और'स्वरूप परिणाम'से उन्हें पुन?साम्यावस्था तथा स्वरूपस्थिति प्राप्त होती है । पुरूष अथवा आत्मा के अतिरिक्त संसार में और जो कुछ है सब परिणामी है अर्थात् रूपांतरित होता रहता है तथापि कुछ पदार्थो का परिणाम शीघ्र दिखाई पड़ जाता है । कुछ का बहुत समय में भी द्दष्टिगोचर नहीं होता । जो परिणाम शीघ्र उपलब्ध होता है उसे 'तीब्र परिणाम'और जिसकी उपलब्धि बहुत देर में होती है उसे 'मृदु परिणाम'कहते हैं । सद्दश अथवा विसदृश परिणाम मेंसे जब एक की मृदुता चरम अवस्था का पहुँच जाती है, तब दूसरा परिणाम आरंभ होत है ।
  3. प्रथम या प्रकृत रूप या अवस्था से च्युत होने के उपरांत प्राप्त हुआ दूसरा रुप या अवस्था । किसी वस्तु का कार्यरूप या कार्यावस्था । विकृति । विकार । रूपांतर । अवस्थांतर जैसे,दूघ का परिणाम दही,लकड़ी का राख आदि ।
  4. किसी वस्तु के एक धर्म के निवृत्त होने पर दुसरे धर्म की प्राप्ति । एक धर्म या समुदाय का तिरोभाव या क्षय होकर दूसरे धर्म या संस्कारों का प्रादुर्भाव या उदय । एक स्थिति से दूसरी स्थिति में प्राप्ति (योग) । विशेष—पातंजल दर्शन में चित्त के निरोध,समाधि और एका- ग्रता नाम से तीन परिणाम माने हैं । व्युत्थान अर्थात् राजस भूमियों के संस्कारों का प्रतिक्षण अधिकाधिक अभिभूत, लुप्त या निरूद्ध अथवा'गरवैराग्य'अर्थात् शुद्ध सातिक संस्कारों का उदित और वर्धित होते जाना चित्त का 'निरोध' 'परिणाम' है । चित्त की सर्वांर्थता या विक्षेप- रूप धर्म का क्षय और एकाग्रता रूप धर्म का उदय होना अर्थात् उसकी चंचलता का सर्वांश में लोप होकर एका- ग्रता धर्म का पूर्णँरूप से प्रकाश होता,'समाधि परिणाम' है । एक ही विषय में वित्त के शातं और उदित दोनों धर्म अर्थात् भूत और वर्तमान दोनों वृत्तियाँ 'एकाग्रता परिणाम'हैं । समाधि परिणाम में चित्त का विक्षेप धर्म शांत हो जाता है अर्थात् अपना व्यापार समाप्त करके भूत काल में प्रविष्ट हो जाता है और केवल एकाग्रता धर्म उदित रहता है अर्थात् व्यापार करनेवाले धर्म की अवस्था में रहता है । परंतु एकाग्रता परिणाम की अवस्था में चित्त एक ही विषय में इन दोनों प्रकार के धर्मों या वृत्तियों से संबंध रखता हुआ स्थित होता है । चित्त के परिणामों की तरह स्थूल सूक्ष्म भूतों तथा इंद्रियों के भी उक्त दर्शन में तीन परिणाम बताए गए हैं-धर्म परिणाम,लक्षण परिणाम,और अवस्था परिणाम । द्रव्य अथवा धर्मी का एक धर्म को छोड़कर दूसरा धर्म स्वीकार करना धर्म परिणाम है,जैसे ,मृत्तिकारूप धर्मी का पिंडरूप धर्म को छोड़कर घटरूप धर्म को स्वीकार करना । एक काल या सोपान में स्थित धर्म का दूसरे काल या सोपान में आना लक्षण परिणाम है,जैसे,पिड़रूप में रहने के समय मृत्तिका का घटरूप धर्म भविष्यत् या अनागत सोपान में था,परंतु उसके घटाकार हो जाने पर वह तो वर्तमान सोपान में आ गया और उसका पिड़ताधर्म भूत सोपान में स्थित हो गया । किसी धर्म का नवीन या प्राचीन होना अवस्था परिणाम है । जैसे,घड़े का नया या पुराना होना । इसी प्रकार दृष्टि,श्रवण आदि इंद्रियों का एक रूप या शब्द का ग्रहण छोड़कर दूसरे रूप या शब्द का ग्रहण करना उसका 'धर्म परिणाम'है । दर्शन,श्रवण आदि धर्म का वर्तमान, भूत आदि होकर स्थित होना'लक्षण परिणाम'है और उनमें अस्पष्टता होना'अवस्था परिणाम'है ।
  5. एक अर्थालंकार जिसमें उपमेय के कार्य का उपमान द्वारा किया जाना अथवा अप्रकृत (उपमान)का प्रकृत (उपमेंय) से एकरूप होकर कोई कार्य करना कहा जाता है । जैसे, 'कर कमलन धनु सायक फेरत'अथवा'हरे हरे पद कमल तें फूलन बीनति बाला' । इस उदाहरणों में'धनुसायक फेरना' और'फुल चुनना'वस्तुत? कर के कार्य है,पर कवि ने उसके उपमान कमल द्वारा इनका किया जाना कहा है । विशेष—रूपक अलंकार से इसमें यह भेद है कि इसके उपमान से कोई विशेष कार्य कराकर अर्थ में चमत्कार पैदा किया जाता है परंतु रूपक के उपमान से कोई कार्य कराने की और लक्ष्य ही नहीं होता । केवल उपमेय पर उसका आरोप भर कर दिया जाता है । 'कर कमलन धनुसायक फेरत' 'अपने करकंज लिखी यह पाती','मुख शशि हरत अँधार' आदि परिणाम के उदाहरणों से यह बात स्पष्ट हो जाती है ।
  6. पकने या पचने का भाव । पाक ।
  7. बाढ़ । विकास । वृद्धि । परिपुष्टि ।
  8. वृद्ध होना । बूढ़ा होना ।
  9. बीतना । समाप्त होना । अवसान ।
  10. नतीजा । फल ।
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Synonyms of परिणाम

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परिणामित्रtransformer
परिणाम दिखाएँresults show
परिणाम इंगित करेंresults indicate
परिणाम घोषितresults indicated
परिणाम दिखाएresults shown
परिणाम उपायoutcome measures
परिणाम देंproduce results
परिणामी न्यासresulting trust
परिणाम के बिनाwithout result
परिणाम समर्थनresults support

What is परिणाम meaning in English?

The word or phrase परिणाम refers to , or , or , or , or , or . See परिणाम meaning in English, परिणाम definition, translation and meaning of परिणाम in English. Find परिणाम similar words, परिणाम synonyms. Learn and practice the pronunciation of परिणाम. Find the answer of what is the meaning of परिणाम in English. देखें परिणाम का हिन्दी मतलब, परिणाम का मीनिंग, परिणाम का हिन्दी अर्थ, परिणाम का हिन्दी अनुवाद।, parinaama का हिन्दी मीनिंग, parinaama का हिन्दी अर्थ.

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